Previous Years UPSC Prelims Questions - Ancient Indian History [1999-2023] in Hindi
भारतीय इतिहास IAS परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है। इस सेगमेंट की अच्छी तैयारी करनी चाहिए क्योंकि यह कला और संस्कृति पर प्रश्नों के उत्तर देने में सहायक होती है।
जो उम्मीदवार यूपीएससी 2024 के लिए तैयारी कर रहे हैं, वे पिछले वर्षों के प्रश्नों का संदर्भ ले सकते हैं और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रकार के प्रश्नों का एक अंदाजा ले सकते हैं।
आईएएस प्रारंभिक पेपर-I में पूछे गए प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रश्न आपको इस लेख में उपलब्ध हैं। हिंदी माध्यम के उम्मीदवार इस लेख में दिए गए प्रश्नों और उनके उत्तरों से UPSC Prelims परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
1. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राचीन नगर अपने उन्नत जल संचयन और प्रबंधन प्रणाली के लिए सुप्रसिदध है, जहाँ बॉँधों की श्रृंखला का निर्माण किया गया था और संबद्ध जलाशयों में नहर के माध्यम से जल को प्रवाहित किया जाता था? (2021)
A. धौलावीरा
B. कालीबंगा
C. राखीगढ़ी
D. रोपड़
A
व्याख्याः
धौलावीरा का प्राचीन शहर दक्षिण एशिया में सबसे उल्लेखनीय और अच्छी तरह से संरक्षित शहरी बस्तियों में से एक है, जो तीसरी से दूसरी सहस्ाब्दी ईसा पूर्व (सामान्य युग से पहले) तक है। 1968 में खोजा गया, साइट अपनी अनूठी विशेषताओं से अलग है, जैसे कि इसकी जल प्रबंधन प्रणाली, बहुस्तरीय रक्षात्मक तंत्र, निर्माण में पत्थर का व्यापक उपयोग और विशेष दफन संरचनाएं। इसमें कई जलाशयों के भीतर वर्षा जलएकत्र करने और भंडारण के लिए एक जटिल प्रणाली है। धोलावीरा के प्राचीन शहर में योजनाकारों ने पानी के प्रबंधन के लिए नालियों, बांधों और टैंकों की एक अद्धुत प्रणाली की परिकल्पना की थी।
2. निम्नलिखित में से कौन-सा एक हड़प्पा स्थल नहीं है ? (2019)
A. चन्हुदड़ों
B. कोटदीजी
C. सोहगौरा
D. देसलपुर
C
व्याख्या:
सोहगौरा ताम्रलेख एक ताम्रपत्र पर लेखबद्ध प्राचीन लेख है जो उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास सोहगौरा नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। सोहगौरा, गोरखपुर से 35 किमी दक्षिण-पूर्व में राप्ती नदी के किनारे स्थित है। इस ताम्रलेख की लिपि ब्राह्मी है और भाषा प्राकृत।
3.ऋग्वेदकालीन आयों और सिन्धु घाटी के लोगों की संस्कृति के बीच अन्तर के सम्बन्ध में
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है हैं? (2017)
1. ऋग्वेदकालीन आर्य कवच और शिरस्त्राण (हेलमेट) का उपयोग करते थे, जबकि सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों में इनके उपयोग का कोई साक्ष्य नहीं मिलता।
2. ऋवेदकालीन आयों को स्वर्ण, चाँदी और ताम्र का ज्ञान था, जबकि सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों को केवल तान और लौह का ज्ञान था।
3. ऋ्वेदकालीन आयों ने घोड़े को पालतू बना लिया था, जबकि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि सिन्धु घाटी के लोग इस पशु को जानते थे।
A. केवल 1
B. 2 और 3
C. 1 और 3
D. ये सभी
C
व्याख्या:
ऋग वैदिक आयों के दौरान प्रयुक्त तलवारों, तीरों, धनुषों के भी प्रमाण हैं। इसलिए, कथन 1 सही है। ऋग वैदिक आयों ने घोड़े को पालतू बनाया था जबकि सिंधु घाटी के लोगों को इस जानवर के बारे में पता होने का कोई सबूत नहीं है। इसलिए, कथन 3 सही है। ऋग्वेदिक आर्य लोग सोना, चांदी, तांबा, लोहा जानते हैं जबकि सिंधु घाटी के लोग सोना, तांबा, कांस्य जानते थे, लेकिन वे लोहे को नहीं जानते थे। इसलिए, कथन 2 सही नहीं है।
4. निम्नलिखित पशुओं में से किस एक का हड़प्पा संस्कृति में मिली मुहरों और टेराकोटा कलाकृतियों में निरूपण (Representation) नहीं हुआ था? (2001)
A. गाय
B. हाथी
C. गैंडा
D. बाघ
A
व्याख्याः
हड़प्पा संस्कृति की मुहरों में हाथी, गैंडा, बाघ, हिरण, भेड़ आदि पशुओं की कलाकृतियाँ अंकित हैं जबकि हड़प्पा संस्कृति की मुहरों एवं टेराकोटा कलाकृतियों में गाय का चित्रण नहीं मिलता है।
5. सुमेलित कीजिए (2000)
सूची1(प्राचीन स्थल) - सूची-2(पुरातत्वीय खोज)
A. लोथल - 1. जुता हुआ खेत
B. कालीबंगन - 2. गोदी-बाड़ा
C. धौलावीरा - 3. पव्की मिट्टी की बनी हुई हल की प्रतिकृति
D. बनावली - 4. हड़प्पन लिपि के बड़े आकार के दस चिन्हों वाला एक शिलालेख
कूट: ABCD
1234
1243
2143
2134
1234
व्याख्या:
लोथल - गोदी-बाड़ा
कालीबंगन - जुता हुआ खेत
धौलावीरा - पव्की मिट्टी की बनी हुई हल की प्रतिकृति
बनावली - हड़प्पन लिपि के बड़े आकार के दस चिन्हों वाला एक शिलालेख
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